चमत्कारी चायवाला

एक भारतीय व्यक्ति एक लड़के से प्यार करता हुआ।


एक समय की बात है जब गांव में एक चायवाला रहता था। वह बहुत ही मेहनती था और हर दिन उसे बहुत से ग्रामीण आते थे जो उसकी चाय पीने आते थे। उसे अपनी चाय सबसे अच्छी लगती थी और वह अपनी चाय की महिमा पर बहुत गर्व करता था।


एक दिन, उस चायवाले के पास एक गरीब आदमी आया। वह चाय पीना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। चायवाला ने उसे देखा और उसे अपनी चाय दी बिना कोई पैसे मांगे। गरीब आदमी ने चाय पी ली और चायवाले को धन्यवाद दिया। चायवाले ने कहा, "यदि तुम मुझे पैसे नहीं दे सकते हो तो कोई बात नहीं, आप मुझे कुछ और दे सकते हो।"


उस दिन से, हर गरीब आदमी जो चायवाले के पास आता, उसे चाय देने के साथ-साथ उससे कुछ न कुछ लेकर जाता था। इस तरह, चायवाले को देर-रात तक देर रात तक लोगों का सहारा मिलता रहा।


एक दिन,

एक गरीब आदमी ने चायवाले के पास एक सोने की आभूषण दिया जो उसे बड़ी राहत दे गया। उसने सोचा कि जब लोग उसे कुछ दे रहे हैं तो उसे भी लोगों के मदद करनी चाहिए। उसने अपनी चाय की दुकान के साथ एक छोटी सी स्कूल शुरू की।


वह गरीब बच्चों को बिना कोई फीस लिए शिक्षा देने लगा और उन्हें समझाता था कि शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है। लोग शुरू में उसे मजाक उड़ाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने उसकी तारीफ की।


चायवाले के द्वारा शुरू किये गए स्कूल के बाद, गांव के लोग उसे एक महान व्यक्ति मानने लगे थे। वह सभी लोगों के सबसे अच्छे दोस्त बन गए थे और लोग उनकी मदद के लिए उन्हें आमंत्रित करते थे।


यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमें भी कुछ बड़ा करने का मौका मिलता है।